हिन्दू / मुस्लमान / सिख / इसाई /जैन / बौद्ध
SwaSaSan Welcomes You...
निवेदन है उन बुद्धिजीवी कट्टर पंथियों से जो इन्सान को हिन्दू / मुस्लमान / सिख / इसाई /जैन / बौद्ध आदि धर्मं / जाती / क्षेत्र आदि समूहों के आधार पर स्वीकारते या नकारते हैं ...
उन्हें विचारना चाहिए कि किसी व्यक्ति का किसी कुल में जन्मना उसके वश में नहीं होता ना ही बचपन में मिले कुलगत संस्कारों से मुक्त हो पाना सरल होता है किन्तु अभी तक की दुनियां के विशिष्ट विद्वानों
और विनाशाकारियों की पृष्ठभूमि पर दृष्टिपात करने से स्पष्ट है कि
ये अपने निर्माता स्वयं ही होते है फिर चाहे वो आमिर खान हों या अजमल कसाब / जीजस हों या जूडा / राम हों या रावण / कृष्ण हों या कंस / विवेकानंद हों या वीरप्पन / या कोई भी और....
भारतीय ज्योतिष में मनुष्यों के गुण दोषों का सामान्य सूचक जन्म समय अनुसार अथवा प्रचलित नाम के प्रथमाक्षर अनुसार 12 राशियों में वर्गीकृत किया गया है ,
किन्तु ऊपर वर्णित प्रत्येक विपरीत गुणधर्मी व्यक्तियों का जोड़ा एक ही राशी से है !!!
यानी सामूहिक वर्गीकरण समूह के प्रत्येक व्यक्ति पर लागू नहीं हो सकता !!!
गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी कहा है -
"कर्म प्रधान विश्व करी राखा , जो जस करहिं सो तस फल चाखा !"
मेरे मत में सच तो यह है कि
" इस दुनियां में जन्मा हर व्यक्ति प्रतिदिन
24 घंटों में कम से कम एक बार
महर्षि बाल्मीकी के पूर्ववर्ती एवं पश्चवर्ती
दोनों रूपों में अवश्य परिवर्तित होता है!!!
किन्तु किस रूप को स्वीकारना है किसे नकारना यह
उस व्यक्ति के विवेक पर निर्भर है !!!"
अतः निवेदन है कि
व्यक्तियों का आंकलन केवल उसके धर्म, जाती, क्षेत्र, शिक्षा , सम्पन्नता , विपन्नता
आदि के आधार पर ना कर उसके गुण दोषों के आधार पर करना ही उचित होगा !!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें